
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ रखा जाता है इस दिन सुहागन औरतें अपने पति की लंबी उम्र की कामना हेतु निर्जला व्रत रखती है। करवा चौथ व्रत को चांद को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है । इस साल करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर को पड़ रहा है।
सुहागन औरतें करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार करती है
लाल रंग की साड़ी क्या लहंगा सिंदूर मंगलसूत्र बिंदी नथनी काजल गजरा मेहंदी अंगूठी , चूड़ियाँ, ईयररिंग्स ,मांग टीका कमरबंद , बाजूबंद, बिछिया , पायल आदिश्रृंगार धारण करती हैं
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार काशी में या आसपास, के चंद्र उदय समय रात के करीब 8 बजे होगा। इसके बाद नंगी आंखों, से चंद्रमा दिखाई पड़ने, पर अर्घ्य देकर परंपरागत तरीके से इस व्रत पर्व को मनाया जाता है चार नवंबर को शाम 5 बजकर 24 मिनट से शाम 6 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ, की, पूजा, का, शुभ, मुहूर्त, है, और, चंद्रदेव का समय करीब आठ बजे हैं।